चेतन आत्मोवाच 72 :-
राजा से फकीर अच्छा, दिलों पर राज करता है l
दुःख में रहता है राजा, मनः जन, धन पर राज करता है ll
चेतन कौशल "नूरपुरी"
लेखक: चेतन कौशल
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श्रेणी:चेतन आत्मोवाच
फ़कीर
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श्रेणी:चेतन आत्मोवाच
बुरे दिन
चेतन आत्मोवाच 71 :-
गीदड़ की मौत आती है, उसे गाँव की राह भाती है l
बुरे दिन आते हैं, मनः बुद्धि भ्रष्ट हो जाती है ll
चेतन कौशल "नूरपुरी"
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श्रेणी:चेतन आत्मोवाच
जीना-मरना
चेतन आत्मोवाच 70 :-
गिरती बूंद नदी में बह जाती है संग जलधार l
जीना-मरना खेल है, मनः नहीं जीत, यहाँ न किसी की हार ll
चेतन कौशल "नूरपुरी"
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श्रेणी:चेतन आत्मोवाच
दिल से दिल
चेतन आत्मोवाच 69 :-
रात काली कट जाती है, सूर्य ले आता है सवेरा l
दिल से दिल मिलता है, मनः छंट जाता है गम का अन्धेरा ll
चेतन कौशल "नूरपुरी"
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श्रेणी:चेतन आत्मोवाच
आग
चेतन आत्मोवाच 68 :-
तरह-तरह का जलना है, तरह-तरह की है आग l
जिन्दा जलाती चिंता तुझको, मनः मुर्दा भस्म करती है आग ll
चेतन कौशल "नूरपुरी"