मानवता

मानवता सेवा की गतिविधियाँ



लेखक: चेतन कौशल

  • श्रेणी:

    बुरा नहीं है

    दैनिक जागरण 29 मार्च 2006 

    अपनी बात काटने वाले से
    कारण पूछ लेना अच्छा
    अपनी कमीं जानी जा सके
    तो कोई बुरा नहीं है
    बात स्पष्ट करने वाले को
    अभय दान देना अच्छा
    कोई सच्चाई सामने आ जाए
    तो कोई बुरा नहीं है
    अपनी बात कहने वाले की
    जरूरत जान लेना अच्छा
    कोई अमूल्य जीवन संवर जाए
    तो कोई बुरा नहीं है
    सभा में भाग लेने को
    समय निकाल लेना अच्छा
    ज्ञान की बात मिल जाए
    तो कोई बुरा नहीं है


    चेतन कौशल "नूरपुरी"

  • श्रेणी:

    विद्यालय

    दैनिक जागरण 20 मार्च 2006 

    विद्यालय में ज्ञान बीज का रोपण होता है
    वहां विद्यार्थी होता है किसी अंकुर से कम नहीं
    गुरु से विद्यार्थी पौध का पोषण होता है
    वहां गुरु होता है किसी किसान से कम नहीं
    विद्यालय में राजनीति की पैदा होती है नर्सरी
    खेती करने का वह कोई स्थान नहीं है
    राष्ट्र ने विद्यालय से पौध प्राप्त है करनी
    पेड़ लगाने का वह कोई स्थान नहीं है


    चेतन कौशल "नूरपुरी"

  • श्रेणी:

    स्वदेशी

    दैनिक जागरण 25 फरवरी 2006

    देश है प्यारा अपना स्वदेशी
    रहना है नित प्यारे स्वदेश
    जीना मरना लगे प्यारा स्वदेशी
    प्यार हुआ है संग प्यारे स्वदेष
    पा लेना है ज्ञान विदेशी
    भूल नहीं जाना है स्वदेश
    स्वदेश से नहीं प्यारे प्राण स्वदेशी
    स्वर्ग से भी प्यारा है स्वदेश
    उत्पादन बढ़ाना है देशी स्वदेशी
    पहुंचाना है उसे देश विदेश
    मुद्रा अर्जित करना देशी विदेशी
    चिड़िया सोने की फिर बनाना है स्वदेश
    कभी नीयत खराब न करना स्वदेशी
    चाहे बाधाएं आएं अनेक देश विदेश
    मुहं तोड़ एक उत्तर देना स्वदेशी
    गूंज पड़े जिसकी देश विदेश
    असीमित धन सम्पदा हो देशी विदेशी
    जरूरतमंद तक पहुंचाना है देश विदेश
    चाहे लाख षड्यंत्र करे कोई देशी विदेशी
    प्रभावित नहीं होने देनी है संस्कृति स्वदेश
    सभ्यता संस्कृति विचित्र है स्वदेशी
    मची धूम मची रहे देश विदेश
    उठ जाग जागते रहना है स्वदेशी
    ना जाग उठे जब तलक देश विदेश


    चेतन कौशल "नूरपुरी"

  • श्रेणी:

    स्वाधीन भारत

    दैनिक जागरण 2 फरवरी 2006

    पराधीन देश में वो घड़ी लगती अच्छी थी
    स्थान स्थान पर तिरंगा फहराने को
    लगाना जान की बाजी लगती अच्छी थी
    आज गीत वंदे मात्रम गाने को
    राष्ट्रीय गान का अपमान हो रहा क्यों
    हमारे स्वाधीन भारत में
    आतंकी संसद पर हमला हैं करते
    हम आरपार की लड़ाई करने की हैं सोचा करते
    उस पर हमला न करो वो हैं कहते
    हम सेना को वापिस हैं बुलाया करते
    देश की स्वतन्त्रता सुरक्षित रहेगी कैसे
    हमारे स्वाधीन भारत में
    राष्ट्रीय आर्थिक नीतियां बनती हैं
    विश्व बैंक की अनुमति लेने से
    सब्सिडी देनी या हटानी होती है
    विश्व व्यापार संगठन की सहमती से
    देश का आर्थिक विकास होगा कैसे
    हमारे स्वाधीन भारत में
    जिस गांव में परिवार की बेटी ब्याही जाती थी
    उस गांव का गांव वाले जल ग्रहण नहीं करते थे
    परिवार की बेटी गांव की बेटी होती थी
    लोग गांव में नारी सम्मान किया करते थे
    आज परिवार की बेटी को बुरी नजर से बचाएगा कौन
    हमारे स्वाधीन भारत में
    मठ मंदिरों की आय पर कर लगने की तैयारी हो रही
    राजनीतिज्ञों द्वारा धार्मिक सत्ता को चुनौति दी जा रही
    देश की सीमाएं सिकुड़ती जा रहीं
    देश की सुरक्षा खतरे में घिरती जा रही
    राष्ट्रीय सुरक्षा के उपायों पर राजनीति कर रहा कौन
    हमारे स्वाधीन भारत में


    चेतन कौशल "नूरपुरी"

  • श्रेणी:

    देख सके तो

    दैनिक जागरण 8 जनवरी 2006 

    स्वामी सबका ईश्वर है प्राणी हैं अनेक
    जीवन सबका समान है देख सके तो मन से देख
    नारी सबकी जननी है माताएं हैं अनेक
    बच्चे सबके समान हैं देख सके तो मन से देख
    ज्ञान जननी बुद्धि है मस्तिष्क हैं अनेक
    आत्म ज्ञान समान है देख सके तो मन से देख
    खून सबका लाल है विचार हैं अनेक
    प्रेम से सब समान हैं देख सके तो मन से देख
    जाति सबकी मानव है नरनारी हैं अनेक
    जन्म से सब समान हैं देख सके तो मन से देख
    धर्म सबका मानवता है सम्प्रदाय हैं अनेक
    अपने पराए सब समान हैं देख सके तो मन से देख
    धरती सबकी सांझी है परंपराएं हैं अनेक
    मिलकर सब समान हैं देख सके ता मन से देख


    चेतन कौशल "नूरपुरी"