मानवता

मानवता सेवा की गतिविधियाँ



लेखक: चेतन कौशल

  • श्रेणी:

    हम वही हैं जो

    19 फरवरी 2008 दैनिक जागरण

    जो थे पहले हम कभी हैं आज
    और रहेंगे कल भी
    हमनें फिर दुनियां का संशय मिटाना है
    लौह पुरुष बन दिखाना है
    गर भारत की ओर कोई अंगुली उठे
    उसे तुरन्त काट गिराना है
    हमनें फिर दुनियां का संशय मिटाना है
    जो थे पहले हम कभी हैं आज
    और रहेंगे कल भी
    कर्मशील रह कर हम निर्धनता मिटाने वाले
    संस्कारवान हो कर मानवता दिखाने वाले
    चरित्रवान बन कर हमने दुखियों का संताप मिटाना है
    हमनें फिर दुनियां का संशय मिटाना है
    जो थे पहले हम कभी हैं आज
    और रहेंगे कल भी


    चेतन कौशल "नूरपुरी"

  • श्रेणी:

    अभिलाषा

    फरवरी 2008 मातृवंदना

    सेवा करना धर्म हमारा, सेवा करते जाएंगे,
    दुःख-सुःख हैं हमारे साथी, हंस-हंस सहते जाएंगे,
    हम संघर्ष करने वाले, रहते नहीं कभी संकल्पहीन,
    बनाएंगे माँ तुझको हम जग में, अद्वितीय ओजस्विन,
    तेरा पुनः हो आकर्षण असीम प्रतीक,
    गए वापिस आएंगे, समझ निज प्यारा नीड़ मणिक,
    हम सब मिलकर गीत खुशी के गाएंगे,
    सेवा करना धर्म हमारा, सेवा करते जाएंगे,
    धरती माँ हमारी, तू सब सुखदायनी है,

    शीश पुष्प चरणार्पित करना हमनें ठानी है,
    जहां गोदी में तेरी अगनित फूल खिले,
    वहां महकें फुल बन हम भी, हमारा प्रण पले,
    हम मिलकर अगनित पुष्प, नई सुषमा लाएंगे,
    सेवा करना धर्म हमारा, सेवा करते जाएंगे,

    चेतन कौशल "नूरपुरी"


  • श्रेणी:

    भारत-श्रीलंका संबंध

    26 दिसम्बर 2007 के दिन दैनिक जागरण में प्रकाशित ”रामायण में वर्णित स्थलों को विकसित करेगी श्रीलंका सरकार – दुनियां को रामायण की लंका का न्योता“ एक सुखद समाचार है। इस समाचार के अनुसार – ”श्रीलंका सरकार रामायण में आए लंका प्रकरण से जुड़े तमाम स्थलों को प्रयटन केंद्र के रूप में विकसित करने की योजना बना रही है। इस परियोजना पर अध्ययन करने के लिए उसने एक टीम भारत भेजी है जो रामायण में दिए गए ”सोने की लंका“ के ब्योरे को समझेगी, उसका खाका तैयार करेगी“ इससे लंका आने वाले विदेशी, विशेष कर भारतीय प्रयटकों को रावण की लंका और रामायण से संबंधित लंका के स्थलों को देखने का सुअवसर मिलेगा।
    इस शुभ समाचार से राम भक्तों का हृदय बेहद गर्वित और हर्षित हुआ है। यह भारत में सत्तासीन उन राजनीतिज्ञों के लिए सीख है जो श्रीराम के अस्तित्व को नकार रहे हैं। रामायण के पात्रों के मात्र कवि की कल्पना बता रहे हैं और उन्हें नाटक ही के पात्र कह रहे हैं। यह सर्वविदित है कि आयोध्या नरेश दशरथ नन्दन श्रीराम का लंका नरेश रावण के मध्य धर्म-अधर्म का युद्ध हुआ था उस धर्म-युद्ध में विजयी श्रीराम ने धर्म परायण रावण के छोटे भाई विभीषण को लंका का राज्य सोंपा था और लंका के साथ ठोस रामसेतु के समान अजीवन अपने प्रगाढ़ संबंध बनाए थे जिसका आज तक विश्व में उदाहरण ढुंढने पर कहीं भी मिलता नहीं है।
    धर्म-संस्कृति और समाज के प्रति जागृत आज श्रीलंका सरकार ने भारत के साथ मधुर संबंध बनाने के लिए स्वंय अपेक्षा की है। उसने सहायता पाने के लिए अपना हाथ भी बढ़ाया है। इस पर भारत की वर्तमान सरकार को संकोच क्यों? उसे चाहिए कि वह राम-रावण जीवन से संबंधित रामायण में वर्णित स्थल जो दोनों देशों के लोगों की धार्मिक आस्था ही नहीं सामाजिक और सांस्कृतिक धरोहर भी है, को विकसित करने की श्रीलंका सरकार की भांति परियोजना बनाए और उसे साकार भी करे।
    आज भारत को श्रीलंका के साथ जोड़ने के लिए जहाज रानी-मार्ग की नहीं, रामसेतु की ज्यादा आवश्यकता है। भारत की वर्तमान सरकार को उसकी रक्षा करनी चाहिए, जीर्णोंद्वार करना चाहिए ताकि भारत की विदेश नीति राम-विभीषण की मित्रता पर आधारित, श्रीलंका-भारत को जोड़ने वाले ठोस रामसेतु के रूप में युग-युगों तक सुदृढ़ बनी रह सके।
    30 जनवरी 2008 दैनिक जागरण

  • श्रेणी:

    फौलादी सीना

    दैनिक जागरण 1 जनवरी 2008 

    श श श सावधान सावधान
    आ गया तूफान तूफान तूफान
    श श श सावधान सावधान
    समुद्री तूफान थम जाते हैं
    किनारा ठोस रामसेतु होने दो
    आंधी तूफान दिशा बदल लेते हैं
    हर कदम अडिग हिमालय सा होने दो
    तूफान जिन्दगी धराशायी हो जाते हैं
    नेक इरादे इन्सान के होने दो


    चेतन कौशल "नूरपुरी"

  • श्रेणी:

    सुहाना मौसम

    दैनिक जागरण 18 दिसम्बर 2007

    सर्दी का मौसम आया है
    बन कर काली घटा छाया है
    बर्फ बन कर गिरती फुहार है
    चाँदी सी चमकने लगी धौलाधार है
    रिमझिम पानी बरसने लगा है
    किसानों का मन हर्षाने लगा है
    डाली डाली फिर होने लगा श्रृंगार है
    चाँदी सी चमकने लगी धौलाधार है
    मतदान का सुहाना मौसम लगता अब है
    दल का दल से गिलासिकवा भी गजब है
    मतदाता से मतदाता करता सोच विचार है
    चाँदी सी चमकने लगी धौलाधार है
    इस बार मतदाता पसंद की जो सरकार बनेगी
    जनता तो उसे निज हित की बात कहेगी
    उसने हर समस्या का करना खण्डाधार है
    चाँदी सी चमकने लगी धौलाधार है
    सरकार चाहे जिस दल की आए
    जनता की भूख प्यास अवश्य ही मिटाए
    सत्ता पलटने को वह हर समय तैयार है
    चाँदी सी चमकने लगी धौलाधार है


    चेतन कौशल "नूरपुरी"