मानवता

मानवता सेवा की गतिविधियाँ



लेखक: चेतन कौशल

  • श्रेणी:

    आचार्य चाणक्य

    विचारकों के कथन :-

    गुणों से ही मानव की पहचान होती है। ऊँचे सिँहासन पर बैठने से नहीं। महलों के उच्च शिखर पर बैठने के बावजूद कौवे का गरुड़ होना असम्भव है।
    - आचार्य चाणक्य

  • श्रेणी:

    मुंशी प्रेमचंद

    विचारकों के कथन :-

    अच्छे कामों की सिद्धि में बड़ी देर लगती है। पर बुरे कामों की सिद्धि में यह बात नहीं।
    - मुंशी प्रेमचंद

  • श्रेणी:

    श्री मद्भगवत गीता

    विचारकों के कथन :-

    जन्म के बाद मृत्यु, उत्थान के बाद पतन, संयोग के बाद वियोग और संचय के बाद क्षय निश्चित है। ज्ञानीजन इन बातों का ज्ञान करके हर्ष या शोक के वशीभूत नहीं होते।
    - श्री मद्भगवत गीता

  • श्रेणी:

    वेद व्यास

    विचारकों के कथन :-

    मनुष्य की इच्छाओं का पेट आज तक कोई नहीं भर पाया है।
    - वेद व्यास

  • श्रेणी:

    आचार्य चाणक्य

    विचारकों के कथन :-

    कुवेेर भी यदि आय से अधिक व्यय करे तो निर्धन हो जाता है।
    - आचार्य चाणक्य