सत्सनातन धर्म में मनुष्य के आत्म कल्याण हेतु गृहस्थ जीवन त्यागकर, वानप्रस्थ आश्रम या एकांत निवास में रहकर स्व इन्द्रिय शमन और मनो निग्रह करके सन्यास आश्रम में प्रवेश करने का प्राबधान है l
सत्सनातन धर्म में मनुष्य के आत्म कल्याण हेतु गृहस्थ जीवन त्यागकर, वानप्रस्थ आश्रम या एकांत निवास में रहकर स्व इन्द्रिय शमन और मनो निग्रह करके सन्यास आश्रम में प्रवेश करने का प्राबधान है l
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