युवा अवस्था में बच्चे का ज्ञान और विवेक परिपक्व हो जाता है l वह अपने जीवन में l अच्छे, बुरे या निषिद्ध कार्य का सही आंकलन कर सकता है l उसे अच्छे, बुरे या निषिद्ध कार्य का ज्ञान होता है l अभिभावक का उस पर सदैव आशीर्वाद बना रहना चाहिए l वह अपने जीवन में कोई भी उचित निर्णय ले सकता है l