मानवता

मानवता सेवा की गतिविधियाँ

मदिरा

चेतन आत्मोवाच 78 :-

नहीं रहता माँ, बहन, बेटी पत्नी का भेद वहां l
मदिरा का चलता है मनः दौर खुले आम जहाँ ll
चेतन कौशल "नूरपुरी"


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