चेतन आत्मोवाच 44 :-
बातों में उनको न लगा, तू मुर्ख क्यों बनता है ?
रह मग्न तू अपने कर्म में. मनः जीवन सफल बनता है ll
चेतन कौशल "नूरपुरी"
चेतन आत्मोवाच 44 :-
बातों में उनको न लगा, तू मुर्ख क्यों बनता है ?
रह मग्न तू अपने कर्म में. मनः जीवन सफल बनता है ll
चेतन कौशल "नूरपुरी"
प्रातिक्रिया दे