मानवता

मानवता सेवा की गतिविधियाँ



लोकहित में

चेतन आत्मोवाच 43 :-

लोकहित की बात, कर्म कर, सुन और बोल l
दिव्य शक्ति साथ तेरे, मनः फिर न तू डोल ll
चेतन कौशल "नूरपुरी"

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