मानवता

मानवता सेवा की गतिविधियाँ



स्वावलम्बन

चेतन आत्मोवाच 42 :-

छोटी-छोटी जरूरत पूरी करता चल, एक दिन स्वावलंबी हो जायेगा l
मेहनत करता चल तू, मनः धीरे-धीरे सब कुछ ठीक हो जायेगा ll
चेतन कौशल "नूरपुरी"

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