मानवता

मानवता सेवा की गतिविधियाँ



समय बहता जल

चेतन आत्मोवाच 15 :-

समय बहता जल है, बहता ही जाता है l
राही बढ़ता चल कठिनाई में, मनः बहता जाता गाता है ll
चेतन कौशल "नूरपुरी"

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