मानवता

मानवता सेवा की गतिविधियाँ



कर्म का स्वभाव

अनमोल वचन :-

मनुष्य का पूर्वकृत कर्म उसके सोने पर साथ ही सोता है, उठने पर साथ ही उठता है और दौड़ने पर भी साथ ही दौड़ता है।

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