मानवता

मानवता सेवा की गतिविधियाँ



जय शंकर प्रसाद

विचारकों के कथन :-

दरिद्रता सब पापों की जननी है तथा लोभ उसकी संतान है।
- जय शंकर प्रसाद

प्रातिक्रिया दे

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा. आवश्यक फ़ील्ड चिह्नित हैं *