मानवता

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चोट पहुंचाकर

# जिस प्रकार लोहार हथोड़े की चोट लगाकर लोहे की कठोरता का परीक्षण करता है, ठीक उसी तरह शत्रु भी समय समय पर किसी परिवार, समाज और राष्ट्र के विरुद्ध संकट पैदा करके, उनकी एकता- शक्ति की जांच करता रहता है।*

चेतन कौशल "नूरपुरी"

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