मानवता

मानवता सेवा की गतिविधियाँ



देव या दानव

 # देव या दानव न तो आसमान से नीचे धरती पर उतरते हैं और न ही वे धरती चीरकर बाहर निकलते हैं। मन, कर्म और वचन सेे ही मनुष्य देव या दानव बनता है।* 

चेतन कौशल "नूरपुरी"