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2. सुख – शांति का रास्ता

अमर उजाला 30 मार्च 2007

जातियां होती हैं जीव जंतुओं की
मनुष्य नर नारी की नहीं
करके जातिगत बंटवारा समाज का
पा सकता तू सुख शांति नहीं
कौन सी जाति क्या है जाति
इससे नहीं है तेरा कोई वास्ता
हर प्राणी है रूप ईश्वर का
सुख शांति का और न कोई रास्ता


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