मानवता

मानवता सेवा की गतिविधियाँ



रामधारी सिंह दिनकर

विचारकों के कथन :-

कविता वह सुरंग है, जिसमें से गुजरकर मनुष्य एक विश्व को छोड़ कर दूसरे में प्रवेष करता है।
- रामधारी सिंह दिनकर