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जयशंकर प्रसाद

विचारकों के कथन :-

पाषाण के भीतर भी मधुर स्रोत होते हैं।, उसमें मदिरा नहीं, शीतल जल की धारा बहती है।
- जयशंकर प्रसाद

 


“जयशंकर प्रसाद” को एक उत्तर

  1. चेतन कौशल अवतार
    चेतन कौशल

    nice job. Keep it up….

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