मानवता

मानवता सेवा की गतिविधियाँ



श्री मद्भगवत गीता

विचारकों के कथन :-

जन्म के बाद मृत्यु, उत्थान के बाद पतन, संयोग के बाद वियोग और संचय के बाद क्षय निश्चित है। ज्ञानीजन इन बातों का ज्ञान करके हर्ष या शोक के वशीभूत नहीं होते।
- श्री मद्भगवत गीता