29 जून 1996 दैनिक कश्मीर टाइम्स
स्वामी सबका ईश्वर है,
प्राणी हैं अनेक,
जीवन सबका समान है,
देख सके तो मन से देख,
नारी सबकी जननी है,
माताएं हैं अनेक,
बच्चे सबके समान हैं
देख सके तो मन से देख,
ज्ञान जननी बुद्धि है,
मस्तिष्क हैं अनेक,
आत्म - ज्ञान समान है,
देख सके तो मन से देख,
खून सबका लाल है,
विचार हैं अनेक,
प्रेम से सब समान हैं,
देख सके तो मन से देख,
जाति सबकी मानव है,
नर – नारी हैं अनेक,
जन्म से सब समान हैं,
देख सके तो मन से देख,
धर्म सबका मानवता है,
संप्रदाय हैं अनेक,
अपने – पराय सब समान है,
देख सके तो मन से देख,
धरती सबकी सांझी है,
परंपरायें हैं अनेक,
मिलकर सब समान हैं,
देख सके तो मन से देख,
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