चेतन आत्मोवाच 18 :-
पैदा हुआ सो मिट जायेगा, है यही जगत को रीत l
झूठी है हर वस्तु यहाँ, मनः ज्यादा न बढ़ा प्रीत ll
चेतन कौशल "नूरपुरी"
महीना: दिसम्बर 2024
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श्रेणी:आत्म स्वराज – आत्म नियंत्रण
जगत की रीत
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श्रेणी:आत्म स्वराज – आत्म नियंत्रण
घर
चेतन आत्मोवाच 17 :-
ओह ! चेहरा भीग गया है, क्यों आंसू गिराती हैं आँखें l
यहाँ घर अपना नहीं है किसीका, मनः तू भर न यों ही आहें ll
चेतन कौशल "नूरपुरी"
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श्रेणी:आत्म स्वराज – आत्म नियंत्रण
मुसीबत
चेतन आत्मोवाच 16 :-
मुसीबत की कोई मजाल नहीं, शक्ति तो तेरी भुजाओं में है l
चाहे तो उनका मुकाबला कर, मनः हिम्मत तो तेरे दिल में है ll
चेतन कौशल "नूरपुरी"