फूल मुरझा जाते हैं, सदा कलि भी कलि रहती नहीं l
घाव भर जाते हैं, पर मनः बात कड़वी मिटती नहीं ll
महीना: नवम्बर 2024
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श्रेणी:विचारकों के कथन
स्वामी विवेकानंद
- "उठो, जागो और तब तक नहीं रुको जब तक लक्ष्य प्राप्त न हो जाए।"
- "किसी की निंदा न करें, अगर आप मदद के लिए हाथ बढ़ा सकते हैं, तो ज़रुर बढ़ाएं। अगर नहीं बढ़ा सकते, तो अपने हाथ जोड़िये, अपने भाइयों को आशीर्वाद दीजिये, और उन्हें उनके मार्ग पे जाने दीजिये।"
- "जिस प्रकार केवल एक ही बीज पूरे जंगल को पुनर्जीवित करने के लिए पर्याप्त है। उसी प्रकार एक ही मनुष्य विश्व में बदलाव लाने के लिए पर्याप्त है। ये मनुष्य आप हो सकते हैं।
- "मस्तिष्क की शक्तियां सूर्य की किरणों के समान हैं। जब वो केन्द्रित होती हैं, चमक उठती हैं।"
- "जैसा तुम सोचते हो, वैसे ही बन जाओगे। खुद को निर्बल मानोगे तो निर्बल और सबल मानोगे तो सबल ही बन जाओगे।"
- "जो कुछ भी तुमको कमजोर बनाता है शारीरिक, बौद्धिक या मानसिक उसे जहर की तरह त्याग दो।"
- "ब्रह्मांड की सभी शक्तियां हमारे अंदर हैं। यह हम ही हैं जिन्होंने अपनी आंखों के सामने हाथ रखा है और रोते हुए कहा कि अंधेरा है।"
- "धन दूसरों की भलाई करने में मदद करे, तो इसका कुछ मूल्य है। अन्यथा, यह सिर्फ बुराई का एक ढेर है, और इससे जितना जल्दी छुटकारा मिल जाये उतना बेहतर है।"
- चिंतन करो, चिंता नहीं, नए विचारों को जन्म दो। हम जो बोते हैं वो काटते हैं। हम स्वयं अपने भाग्य के निर्माता हैं।
- एक समय में एक काम करो और उसे करते समय अपनी पूरी आत्मा, उसमें डाल दो और बाकी सब कुछ भूल जाओ।
- सबसे बड़ा धर्म है अपने स्वभाव के प्रति सच्चे होना।
- जब तक जीना, तब तक सीखना, अनुभव ही जगत में सर्वश्रेष्ठ शिक्षक है।
- ज्ञान धन से उत्तम है।
- खुद पर विश्वास करो, फिर देखो कि तुम क्या कर सकते हो।
- जितना हम दूसरों के साथ अच्छा करते हैं, उतना ही हमारा हृदय पवित्र हो जाता है और भगवान उसमें बसता है।
- कमजोर कभी महान कार्य नहीं कर सकता।
- दुनिया एक महान व्यायाम शाला है जहाँ हम खुद को मजबूत बनाने के लिए आते हैं।
- अपने तरीके से जिंदगी जीने के लिए जुनून चाहिए, परिस्थितियां तो हमेशा ही विपरीत होती हैं।
- सफलता के रास्ते पर चलते समय हाथ थामने वाले कम और टांगे खींचने वाले ज्यादा मिलेंगे।
- अपनी जिंदगी की लड़ाई खुद लड़नी होती है, लोग सिर्फ ज्ञान देते हैं, साथ नहीं निभाते।
- जो लोग गिरने से डरते हैं, वे कभी चलना नहीं सीख सकते।
- जहां डर खत्म होता है, वहीं से जीवन शुरू होता है।
- पहले हर अच्छी बात का मजाक बनता है, फिर विरोध होता है, अंत में उसे स्वीकार कर लिया जाता है।
- बहुत सी कमियों के बाद भी हम खुद से प्रेम करते हैं, तो दूसरों में एक कमी से कैसे घृणा कर सकते हैं।
- अगर धन दूसरों की भलाई करने में मदद करे, तो इसका सही समय कभी नहीं आता, समय को सही बनाना पड़ता है।
- जीवन में ज्यादा रिश्ते होने जरूरी नहीं हैं, पर जो रिश्ते हैं उनमें जीवन जीवन होना जरूरी है l
- हम जितना बाहर जाएँ और दूसरों का भला करें, हमारा हृदय उतना ही शुद्ध होगा और परमात्मा उसमें बसेंगे l
- एक नायक बनों और सदैव कहो "मुझे कोई डर नहीं है।"
- साधारण जनता की उपेक्षा एक बड़ा राष्ट्रीय अपराध है।
- अपवित्र कल्पना भी उतनी ही बुरी होती है, जितना बुरा अपवित्र कर्म होता है।
- जो कहे मेरे पास समय नहीं, असल में वह व्यस्त नहीं, बल्कि अस्त-व्यस्त है।
- हमें ऐसी शिक्षा चाहिये जिससे चरित्र का निर्माण हो, मन की शक्ति बढ़े, बुद्धि का विकास हो और मनुष्य अपने पैर पर खड़ा हो सके।
- उस व्यक्ति ने अमरत्व प्राप्त कर लिया है, जो किसी सांसारिक वस्तु से व्याकुल नहीं होता।
- स्त्रियों की स्थिति में सुधार न होने तक विश्व के कल्याण का कोई भी मार्ग नहीं है।
- आप ही अपने भाग्य विधाता हैं। यह बात ध्यान में रखकर कठोर परिश्रम और पुरुषार्थ में लग जाना चाहिए।
- यदि स्वयं में विश्वास करना और अधिक विश्वास से पढ़ाया व अभ्यास कराया गया होता, तो मुझे यकीन है कि बुराइयों और दुःख का एक बहुत बड़ा हिस्सा गायब हो गया होता।
- जिस समय जिस काम के लिए प्रतिज्ञा करो, ठीक उसी समय पर उसे करना ही चाहिए, नही तो लोगों का विश्वास उठ जाएगा।
- बाहरी स्वभाव अंदरूनी स्वभाव का एक बड़ा रूप है।
- जो दूसरों से घृणा करता है, वह स्वयं पतित होता है।
- जो सत्य है उसे साहसपूर्वक निर्भीक होकर लोगों से कहो l उससे किसीको कष्ट होता है या नहीं, इस ओर ध्यान मत दो l
- यदि खुद का स्वयं में विश्वास करना और विस्तार से पढ़ाया तथा अभ्यास करवाया गया होता तो मुझे यकीन है की बुराइयों और दुखों का एक बड़ा हिस्सा गायब हो गया होता l
- हम जितना बहार जाएँ और दूसरों का भला करें, हमारा हृदय उतना ही शुद्ध होगा और परमात्मा उसमें बसेंगे l
- सत्य को हजार तरीकों से बताया जा सकता है फिर भी हर एक सत्य ही होगा l
- ब्रह्मांड की सारी शक्तियां पहले से ही हमारी हैं, वे हमी हैं जो आँखों पर हाथ रख लेते हैं और फिर रोते हैं कि कितना अँधेरा है !
- एक शब्द कहें तो आदर्श यह है कि तुम परमात्मा हो l आप कभी मत सोचिये की आत्मा के लिए कुछ असंभव है l ऐसा सोचना भी बड़ा विधर्म है l अगर कोई पाप है तो वह यही है l यह कहना कि तुम निर्बल हो या अन्य निर्बल है l
- हम वे हैं जो हमारी सोच ने बनाया है l इसलिए आप यह ध्यान रखें कि आप क्या सोचते हैं ?
- मानव यदि विद्वान है तो उसका सच्चा मित्र विद्या को होना चाहिए l
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श्रेणी:आलेख
आर्य समाज – सशक्त समाज
दिनांक 19.11.2024
# हम सब आर्य पुत्र/पुत्रियाँ हैं, हमें अपने देश भारत पर गर्व है l*
# हम आर्यों का राष्ट्र – “आर्यावर्त” ही महान “अखंड भारत” है l*
# हम आर्यों का राष्ट्र – “आर्यावर्त” ही महान “अखंड भारत” है l*
# हम आर्यों का राष्ट्र – गांवों का देश, हमारी कर्म भूमि है l*
# हम आर्यों के गाँव की संपदा – जल, जंगल और जमीन हम सब आर्यों का हित करने वाली है l*
# ग्राम्य संपदा का लंबे समय तक उपयोग करने के लिए, उसका संरक्षण, पोषण, संवर्धन करना हम आर्यों का दायित्व है l*
# माता – पिता, गुरु, गंगा, गौ, गीता, पति, वृद्ध, ब्राह्मण, संत और अतिथि की सेवा, रक्षा करना हम आर्यों दायित्व है l*
# समग्र प्रकृति की सृजनहार स्वयं माँ जगदंबा हैं l माँ जगदंबा की कृपा से समग्र प्रकृति का दिया हुआ हम आर्यों के पास सब कुछ है l*
# प्राकृतिक संसाधनों का सुनियोजित ढंग से दोहन करके अभाव ग्रस्तों तक पहुंचाना और उनकी तन, मन, धन से सेवा करना हम सब आर्यों का कर्तव्य है l*
# हम सब आर्य हैं जो ज्ञान में ब्राह्मण भाव, वीरता में क्षत्रिय भाव, व्यापार में वैश्य भाव और सेवा में शुद्र भाव रखते हैं, हाँ, हाँ हम ही आर्य हैं l*
# हम आर्यों ने कर्माधारित वर्ण व्यवस्था को जन्माधारित जातियां समझने की भूल कर दी, वरना विश्व हमें आर्य संबोधन से पहचानता था l*
# देश में जब तक पाश्चात्य शिक्षा जारी रहेगी तब तक युवा आर्य नौकर ही बनेंगे, लेकिन जब उन्हें परंपरागत वैदिक शिक्षा मिलेगी वे नौकर नहीं, फिर से स्वामी बन जायेंगे l*
# हम सब आर्य हैं, इसलिए हम सब एक हैं l*
# अगर 30 करोड़ का पाकिस्तान इस्लामिक देश बन सकता है तो 100 करोड़ आर्यों का भारत भी दृढ़ राजनैतिक इच्छा शक्ति से पुनः आर्यवर्त हो सकता है l*
# अगर 30 करोड़ का पाकिस्तान इस्लामिक देश बन सकता है तो 100 करोड़ आर्यों का भारत भी दृढ़ राजनैतिक इच्छा शक्ति से पुनः आर्यवर्त हो सकता है l*
# आर्य बिना कारण किसी का अहित नहीं करता है, कोई उसे छेड़ता है तो वह उसे कभी छोड़ता भी नहीं है l*
# दुश्मन, कभी आर्यों का हित नहीं चाहता है, वह उनके विरुद्ध हर समय कोई न कोई षड्यंत्र रचता रहता है l*
# आर्य की किसी के प्रति दुर्भावना नहीं हो सकती और दुश्मन की आर्यों के प्रति कभी सद्भावना नहीं होती है l*
# आर्य ही देश, धर्म – संस्कृति और सभ्यता के प्रति सजग और सतर्क रह सकते हैं l*
# आर्य धर्मयोद्धा ही देश, धर्म – संस्कृति की आन, वान और शान हैं l*
# आर्य भारत के वंशज थे, वंशज हैं और वंशज ही रहेंगे l*
# भारत भूमि की रक्षा हेतु जीवन समर्पित करने वाला हर बलिदानी, क्रन्तिकारी आर्य है, हमें उस पर गर्व है l*
# देश, धर्म – संस्कृति और सभ्यता की रक्षा हेतु खड़ा होने वाला हर व्यक्ति धर्म योद्धा आर्य है l*
चेतन कौशल “नूरपुरी”
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श्रेणी:वैदिक भाषा
वैदिक भाषा
# देशभर में वैदिक "संस्कृत भाषा" को उचित सम्मान मिलना चाहिए, "संस्कृत भाषा की कहीं भी अनदेखी" न हो।*