साधारण जीवन दुर्बल है, नियामक सर्व शक्तिमान l
जटिल समस्या समाधान करे, मनः तू भेद अमोल पहचान ll
महीना: अक्टूबर 2022
-
-
-
श्रेणी:आत्म वाचन
मेहमान न बन
मेहमान न बन तू किसीका, रोजाना न कर तू आना जाना l
मेहमान तू रहेगा नहीं, मनः बहुतों ने तो कुत्ता माना ll
-
श्रेणी:आत्म वाचन
चाहे चन्दन डालो
चाहे चन्दन डालो, चाहे सादा इंधन, बस देह का संस्कार होगा l
अमीर-गरीब का भेद यहाँ, मनः आगे हिसाब कर्म का होगा ll
-