मातृवंदना अक्तूबर 2018
आश्चर्य है कि सनातन धर्म अति प्राचीन होने पर भी संपूर्ण संसार में आज तक हिन्दुओं का अपना कहीं एक भी हिन्दू राष्ट्र नहीं है, परन्तु धर्म से प्रेरित मुट्ठीभर लुटेरे, आतंकवादियों ने मात्र डेढ़ दो हजार वर्षों में ही धर्म के नाम पर छप्पन मुस्लिम देश और अस्सी ईसाई देश ही नहीं बना लिए बल्कि वे आज भी विश्व में लोगों को भ्रमित करके और उनमें तरह-तरह के आतंक फैलाकर नए देश बनाने के लिए सक्रिय एवंम कृत संकल्प हैं l
भारतवर्ष में दुश्मनों के चहेते एवंम स्वार्थी जयचंदों का इतिहास उतना ही पुराना है जितना उन धर्मांध आतंकवादियों का l देशभर में उनकी कहीं कोई कमी नहीं है l वे खाते हैं भारत का और गुण गाते हैं विदेश का l समय असमय भारत के साथ उन्होंने निजहित में छल ही किया है l देश को भांति-भांति की क्षति पहुंचाई है l उन्होंने दुश्मनों के समर्थकों को अपने यहाँ शरण दी है, स्वदेशियों की उपेक्षा करके विदेशियों को हर संभव सुख सुविधा प्रदान की है, परिणाम स्वरूप भारत बार-बार खंडित हुआ l इतना सब कुछ होने के पश्चात् भी आज हम उन्हें अपना मान रहे हैं, उन पर विश्वास कर रहे हैं l वास्तव में वे विश्वास करने योग्य हैं ही नहीं l
वर्तमान भारत एक धर्म निरपेक्ष लोकतान्त्रिक देश है l पर देश में दुश्मनों के चहेते, मैकाले की सोच रखने वालों के कारण हर हिन्दू व्यथित है l इस समय भारत में सौ करोड़ हिन्दू हैं l भारतीय मुसलमान एवंम इसाई लोग जिनके पूर्वज कभी हिन्दू रहे हैं, पूर्व काल के आतंकियों के द्वारा उनका जबरन धर्म परिवर्तन किया गया था l वे सब भारतीय थे l उनके वंशज आज भी भारतीय हैं l उनमें मात्र मुट्ठीभर असामाजिक तत्व जो मुस्लिम और ईसाईयों को अपने-अपने गिरोहों में भर्ती करके देश विरुद्ध भांति-भांति के षड्यंत्र कर रहे हैं, वे अपने स्वार्थपूर्ण उदेश्यों की पूर्ति करने में लगे हुए हैं l
परिणाम स्वरूप न चाहते हुए भी असंगठित, नीति और युक्ति विहीन हिन्दुओं को रातों-रात अपने कारोबार, घर, क्षेत्र ही नहीं राज्यों तक का भी त्याग करना पड़ रहा है l राज्य बहु संख्यक हिन्दुओं से अल्प संख्यक हिन्दू और फिर हिन्दू-मुक्त राज्य होते जा रहे हैं l वे असहाय होकर अपने ही देश में शरणार्थी बन रहे हैं l देश में असामाजिक तत्व संगठित हैं इसलिए वे कम होकर भी हिन्दुओं से अधिक बलशाली हैं l समझ नहीं आता, हिन्दू सौ करोड़ होकर भी उनके आगे दुर्बल कैसे हैं ? वे उनके द्वारा प्रायोजित आतंकवाद का संगठित होकर किसी ठोस नीति और युक्ति से सामना तो कर ही सकते हैं l
यह बात सर्वविदित है – हिन्दुओं ने आज तक किसी पर आक्रमण नहीं किया है l वे कभी किसी शत्रु से स्वयं कमजोर भी नहीं रहे हैं l वे आक्रमणकारियों को मुंहतोड़ उत्तर देना भली प्रकार जानते हैं, पर वे किसी पर पहले कभी आक्रमण नहीं करते हैं, अगर उन पर कोई आक्रमण करता है तो वे उसे क्षमा भी नहीं करते हैं l वे जानते हैं कि जीना सबका जन्म सिद्ध अधिकार है l
आज भी अपने ही देश में, देश के जयचंदों के संरक्षण में मुट्ठीभर असामाजिक तत्व सक्रिय हैं जो समाज पर अत्याचार करने हेतु हर समय उद्यत रहते हैं l वे आतंक, लव जिहाद, और धर्मांतरण जैसे दुष्कृत्य एवंम देश, धर्म को बांटने के षड्यंत्र कर रहे हैं l भारतीय नागरिक होने के नाते हमें अब मात्र सरकार पर ही निर्भर नहीं रहना है बल्कि पुरे उत्तरदायित्व के साथ देशहित में उसे अपना सहयोग भी देना है l
हमें अपने गाँव-गाँव व शहर–शहर में सुरक्षा समितियां बनाकर देश के हर संदिग्ध व्यक्ति, संस्थान, धर्मस्थल की गतिविधियों पर दिन-रात अपनी पैनी दृष्टि रखनी होगी l हमें देश हित में प्रण करना होगा – हम भविष्य में देश की अखंडता के साथ आंतरिक या बाह्य दृष्टि से कोई भी समझौता नहीं होने देंगे l समय आ गया है – समस्त देश वासियों को हिंदुत्व की एक पताका तले संगठित होने का, आतंक के विरुद्ध हुंकार भरने का क्योंकि संगठन ही शक्ति है l