मानवता

मानवता सेवा की गतिविधियाँ



महीना: अक्टूबर 2017

  • श्रेणी:

    दुष्टों के उपद्रव

    अनमोल वचन :-

    "जिस राजा के राज्य में दुष्टों के उपद्रव से सारी प्रजा त्रस्त रहती है उस मतवाले राजा की कीर्ति, आयु, ऐश्वर्य और प्रलोक नष्ट हो जाते हैं "।


  • श्रेणी:

    पात्र-अपात्र

    अनमोल वचन :-

    सांपों को दूध पिलाना केवल उनके विष को बढ़ाता है, इसी प्रकार मूर्खों को दिया हुआ उपदेश  उन्हें प्रकुपित ही करता है, न कि शांत । अतः हमें प्रत्येक कार्य में पात्र-अपात्र का अवश्य  ही ध्यान रखना चाहिए ।

  • श्रेणी:

    वनराज

    अनमोल वचन :-

    "वन के राजा शेर का न अभिषेक किया जाता है और न ही कोई संस्कार। वह तो अपने पराक्रम के बल बूते ही जंगल का राजा होता है"।


  • श्रेणी:

    मनुष्य के पास

    अनमोल वचन :-

    "मनुष्य के पास सुख के बाद दुःख और दुःख के बाद सुख क्रमशः आते रहते हैं। ठीक वैसे ही, जैसे रथचक्र की नेमी के इधर-उधर घूमते हैं"।


  • श्रेणी:

    समाज को

    अनमोल वचन :-

     "जीवन में समाज की ओर से मुझे जितना मिला, उससे अधिक मैं समाज को दूंगा। हे भगवान हमारी यह प्रार्थना तू पूर्ण कर"।