मानवता सेवा की गतिविधियाँ
मानसिक बीमारियों से बचने का एक ही उपाय है कि हृदय को घृणा से और मन को भय व चिंता से मुक्त रखा जाए।
चेतन कौशल
भजन और प्रार्थना जीभ से नहीं, हृदय से होते हैं।
दरिद्रता सब पापों की जननी है तथा लोभ उसकी संतान है।
व्यक्ति को हानि, पीड़ा और चिंताएं, उसकी किसी आंतरिक दुर्बलता के कारण होती है। उस दुर्बलता को दूर करके कामयाबी मिल सकती है।
कोई भी लक्ष्य मनुष्य के साहस व संकल्प से बड़ा नहीं होता।