अक्टूबर, 2015 | मानवता

मानवता

मानवता सेवा की गतिविधियाँ



महीना: अक्टूबर 2015

  • श्रेणी:

    सशक्त जनसेवक

    15 अक्तूबर 2015 

    ब्रह्मभाव में स्थिर रहकर, ब्रह्मतत्व का विश्वकल्याण हेतु प्रचार-प्रसार करने वाला ब्रह्मज्ञानी, ज्ञानवीर होता है।

    क्षत्रियभाव में स्थिर रहकर, जन, समाज और राष्ट्र हित में जान-माल की रक्षा करने वाला, शूरवीर होता है।


    वैश्यभाव में स्थिर रहकर, गौसेवा, कृषि और व्यापर से जन, समाज और राष्ट्र हित में कार्य करने वाला, धर्मवीर होता है।


    शुद्रभाव में स्थिर रहकर, हस्त-ललित कला, लघु एवं कुटीर उद्दोग धंधों से जन, समाज और राष्ट्र हित में कार्य करने वाला, कर्मवीर होता है।
    ज्ञानवीर, शूरवीर, धर्मवीर और कर्मवीर एक दूसरे के पूरक हैं।