मानवता

मानवता सेवा की गतिविधियाँ



महीना: जून 2012

  • श्रेणी:,

    1. जल संचयन

    मातृवन्दना जून 2012 

    हमने बात वर्षा जल संचयन करने की मानी है,
    कृत्रिम भू-जल पुनर्भरण करने की ठानी है,
    बावड़ी, कुआँ, तलब, पोखर, जोहड़ का पानी,
    जंगल, पेड़-पोधे, खेतों में लाता है हरियाली,
    भू-जल दोहन नियम से अपनाओ,
    भू-जल बचाओ और जीवन बचाओ,
    आज बचाए पानी ने कल सबको बचाना है,
    बाग़ - बगीचे, फूलों पर भंवरों ने गुनगनाना है,
    परागण होगा इससे, फसलें होंगी भरपूर,
    निर्धनता, मजबूरी, भूख, लाचारी होगी दूर,
    आओ ! मिलकर जल संचयन अपनाएँ,
    भू-जल पुनर्भरण कार्य सफल बनाएं,