मातृवन्दना सितम्बर 2010
हिंदी हो, हिन्द की भाषा,
हिंदी से हिन्द की पहचान हो,
हम सब बोलें भाषा हिंदी,
यही संकल्प हमारा हो
घर हो या दफ्तर,
गली चाहे कोई दुकान हो,
निःसंकोच हम बोलें भाषा हिंदी,
यही संकल्प हमारा हो
बात हो पत्र लिखने की
या विज्ञापन प्रकाशन हो,
लिखें हम भाषा हिंदी,
यही संकल्प हमारा हो
हिंदी जोड़े गांव-गांव
अखंड भारत सजने दो,
हिंदी छाए सारे जगत में,
यही संकल्प हमारा हो
अहिन्दी राज्य टकराना भूलें,
राष्ट्रीय संचालन हिंदी हो,
कोई बैरी न तोड़े प्यारा भारत,
यही संकल्प हमारा हो
हिंदी राज हो भारत में,
अन्य भाषाओँ का भी सम्मान हो,
जन-जन की हो भाषा हिंदी,
यही संकल्प हमारा हो
महीना: सितम्बर 2010
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2. हिंदी भाषा संकल्प
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1. स्वाधीन भारत में
ज्ञान वार्ता छमाही 2010
पराधीन देश में, वो घड़ी लगती अच्छी थी
स्थान-स्थान पर तिरंगा फहराने को
लगाना जान की बाजी, लगती अच्छी थी
आज गीत वन्दे मातरम् गाने को
राष्ट्रीय गान का, अपमान हो रहा क्यों ?
हमारे स्वाधीन भारत में !
आतंकी संसद पर हमला हैं करते
हम आर-पार की लड़ाई करने की हैं सोचा करते
उस पर हमला न करो, वो हैं कहते
हम सेना को वापिस हैं बुलाया करते
देश की स्वतंत्रता सुरक्षित रहेगी कैसे ?
हमारे स्वाधीन भारत में !
राष्ट्रीय आर्थिक नीतियां बनती हैं
विश्व बैंक की अनुमति लेने से
सब्सिडी देनी या हटानी होती है
विश्व व्यपार संगठन की सहमती से
देश का आर्थिक विकास होगा कैसे ?
हमारे स्वाधीन भारत में !
जिस गाँव में परिवार की बेटी व्याही जाति थी
उस गाँव का, गाँव वाले जल ग्रहण नहीं करते थे
परिवार की बेटी, गाँव की बेटी होती थी
लोग गाँव में नारी सम्मान किया करते थे
आज परिवार की बेटी को, बुरी नजर से बचाएगा कौन ?
हमारे स्वाधीन भारत में !
मठ, मंदिर की आय पर कर लगने की तैयारी हो रही
राजनेताओं द्वारा धार्मिक सत्ता को चुनौती दी जा रही
देश की सीमाएं सिकुड़ती जा रहीं
देश की सुरक्षा खतरे में घिरती जा रही
राष्ट्रीय सुरक्षा के उपायों पर राजनीति कर रहा कौन ?
हमारे स्वाधीन भारत में !