भूजल संरक्षण का हर जगह रखना है ध्यान
पल पल इससे सबको मिलता है जीवन दान
अब हमने युद्धस्तर पर करना है
भूजल का संरक्षण
भूजल स्तर ऊपर लाना है
होगा इससे हर जीवन का संरक्षण
नहीं करेंगे अब हम और अधिक
धरती का चीरहरण
चारों ओर हरियाली होगी
होगा भूजल पुनर्भरण जल संरक्षण
चेतन कौशल "नूरपुरी"
महीना: फ़रवरी 2007
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श्रेणी:कवितायें
भूजल संरक्षण
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श्रेणी:कवितायें
कहना है क्या
दैनिक जागरण 15 फरवरी 2007
आत्म बोध प्राप्त करने को
आत्म चिन्तन करना अच्छा
आत्म ज्ञान हो जाए
तो कहना है क्या
आत्म दर्शन करने को
आत्मावलोकन करना अच्छा
आत्म साक्षात्कार हो जाए
तो कहना है क्या
आत्म विश्वास बढ़ाने को
कलात्मक प्रतियोगिताओं में भाग लेना अच्छा
अपनी पहचान बन जाए
तो कहना है क्या
संसार एक परिवार निहारने को
आध्यात्मिक दृष्टि अपना लेना अच्छा
कोई सद्गुरु बन जाए
तो कहना है क्या
चेतन कौशल "नूरपुरी"
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श्रेणी:कवितायें
बोल सके तो
अमर उजाला 13 फरवरी 2007
बोल सके तो बोल प्यारे
मीठे बोल तू बोल
कीमती बोल तू बोल प्यारे
बोल संभल कर बोल
फूल मुरझा जाते हैं अक्सर
कली सदा रहती नहीं
घाव तलवार के भर जाते हैं
मगर बात कड़वी मिटती नहीं
चेतन कौशल "नूरपुरी"