दिसम्बर, 2006 | मानवता

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महीना: दिसम्बर 2006

  • श्रेणी:,

    21. प्रेम पुजारी

    दैनिक जागरण 12 दिसम्बर 2006

    प्रेम पुजारी बढ़ता चल
    सबका कष्ट हरता चल
    कभी खो देना न ध्येय
    किसी से खाना न भय
    पानी है मंजिल आज नहीं तो कल
    प्रेम पुजारी बढ़ता चल
    सहारा मिले तो ले लेना तू
    न मिले कदम बढ़ाना तू
    निर्भय प्रतिपल आगे बढ़ता चल
    प्रेम पुजारी बढ़ता चल
    मंजिल सामने एक दिन आएगी
    घड़ी इंतजार की खत्म हो जाएगी
    सफलता मिलेगी आज नहीं तो कल
    प्रेम पुजारी बढ़ता चल



  • श्रेणी:,

    20. अभाव में

    दैनिक जागरण 3 दिसम्बर 2006 

    गुण बिना, रूप सुन्दर करना है क्या?
    विनम्रता बिना, ज्ञान गूढ़ करना है क्या?
    सदुपयोग बिना, धन अपार करना है क्या?
    साहस बिना, शस्त्र-अस्त्र अजेय करना है क्या?
    भूख बिना, भोजन बलवर्धक करना है क्या?
    होश बिना, साहस अदम्य करना है क्या?
    परोपकार बिना, बलवान तन करना है क्या?
    सेवा-त्याग बिना, बसेरा अपनों संग करना है क्या?