मानवता

मानवता सेवा की गतिविधियाँ



महीना: दिसम्बर 2006

  • श्रेणी:

    प्रेम पुजारी

    दैनिक जागरण 2 मार्च 2007 

    प्रेम पुजारी बढ़ता चल
    सबका कष्ट हरता चल
    कभी खो देना न ध्येय
    किसी से खाना न भय
    पानी है मंजिल आज नहीं तो कल
    प्रेम पुजारी बढ़ता चल
    सहारा मिले तो ले लेना तू
    न मिले कदम बढ़ाना तू
    निर्भय प्रतिपल आगे बढ़ता चल
    प्रेम पुजारी बढ़ता चल
    मंजिल सामने एक दिन आएगी
    घड़ी इंतजार की खत्म हो जाएगी
    सफलता मिलेगी आज नहीं तो कल
    प्रेम पुजारी बढ़ता चल


    चेतन कौशल "नूरपुरी"