दैनिक जागरण 29 सितम्बर 2006
जय भारत के नौजवान
आओ सब मिल कर अपना कर्तव्य निभाएं
करके काम कुछ जग हित खुशहाल कहाएं
रश्मी शीतल मिल कर नहाएं
देखे हमें सकल जहान
जय भारत के नौजवान
प्रतिज्ञा करके जहां भी ने सुखी बाप बनाया
शूलों से बिंध कर जो नहीं प्रण से डगमगाया
प्राण तज व्रतधारी ने सबको सच्चा मार्ग दिखाया
करके प्रण निभाए भारत की सन्तान
जय भारत के नौजवान
थे यहां वीर वीरों की यह धरती है
किससे तुम कम किससे तुम्हें भीति है
नित अज्ञान से टकराना तुम करना ज्ञान से प्रीति
बनना है तुम्हें भी महान
जय भारत के नौजवान
चेतन कौशल "नूरपुरी"
महीना: सितम्बर 2006
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श्रेणी:कवितायें
जय भारत के नौजवान
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श्रेणी:कवितायें
शिक्षा का विदेशीकरण
दैनिक जागरण 24 सितम्बर 2006
स्वदेशी शिक्षा का विदेशीकरण करने वालो
स्वदेश की पहचान का अनादर करने वालो
विदेशी कोई अनजाना स्वदेश आ जाएगा
करके मीठी बातें तुमसे भेद सारे ले जाएगा
खुद तुम्हें घर से निकालेगा धक्के देकर
बन जाएगा वह स्वामी तुम्हारा सर्वस्व लेकर
तब बन जाओगे तुम उसके सामने क्या
फिर कर पाओगे तुम अपने लिए क्या
चेतन कौशल "नूरपुरी"
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श्रेणी:कवितायें
सत्य आचरण
दैनिक जागरण 16 सितम्बर 2006
श्रेष्ठ साहित्य है कामधेनु
दूध सम मिलती है शक्ति
ज्ञानी की बात ही छोड़ो
मूर्ख भी करने लगता है भक्ति
सद्ग्रंथ खोलो पढ़ लो जरा
जीवन कल्याण हो जाएगा
सत्य आचरण करते चलो
जमाना सत्युग हो जाएगा
चेतन कौशल "नूरपुरी"