मानवता

मानवता सेवा की गतिविधियाँ



महीना: जनवरी 2006

  • श्रेणी:

    देख सके तो

    दैनिक जागरण 8 जनवरी 2006 

    स्वामी सबका ईश्वर है प्राणी हैं अनेक
    जीवन सबका समान है देख सके तो मन से देख
    नारी सबकी जननी है माताएं हैं अनेक
    बच्चे सबके समान हैं देख सके तो मन से देख
    ज्ञान जननी बुद्धि है मस्तिष्क हैं अनेक
    आत्म ज्ञान समान है देख सके तो मन से देख
    खून सबका लाल है विचार हैं अनेक
    प्रेम से सब समान हैं देख सके तो मन से देख
    जाति सबकी मानव है नरनारी हैं अनेक
    जन्म से सब समान हैं देख सके तो मन से देख
    धर्म सबका मानवता है सम्प्रदाय हैं अनेक
    अपने पराए सब समान हैं देख सके तो मन से देख
    धरती सबकी सांझी है परंपराएं हैं अनेक
    मिलकर सब समान हैं देख सके ता मन से देख


    चेतन कौशल "नूरपुरी"

  • श्रेणी:

    चेतना

    सेवा जो कर न सके
    वह तन है किस काम का
    नाम जो जाप न सके
    वह मन है किस काम का
    कार्य जो सिद्ध कर न सके
    वह धन है किस काम का
    सन्मार्ग जो दिखा न सके
    वह ज्ञान है किस काम का
    जीवनरस जो भर न सके
    वह धर्म है किस काम का
    मानवसृजन जो कर न सके
    वह दाम्पत्य है किस काम का


    चेतन कौशल "नूरपुरी"