मानवता

मानवता सेवा की गतिविधियाँ



शरीरश्रम

# जैसे चलने से सफर की दूरी समाप्त हो जाती है, उसी प्रकार शरीरश्रम करने से खाया हुआ भोजन सहजता से पच जाता है, शरीर स्वस्थ रहता है।*

चेतन कौशल "नूरपुरी"

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