मानवता

मानवता सेवा की गतिविधियाँ



मर्यादा

चेतन विचार :-

# श्रीकृष्ण जी की यह मर्यादा ही थी कि उन्होंने अंहकारी व क्रोधी शिशुपाल के 100 अपराध सहन कर लिए, उन्होंने उसे क्षमा भी किया पर जैसे ही उसने संख्या 100 की सीमा पार की, उसने मर्यादा का उल्लंघन किया। तब श्रीकृष्ण जी ने मर्यादा की रक्षा करते हुए, तत्काल अपना सुदर्शन चक्र चलाकर, उसका बध भी कर दिया था।*
चेतन कौशल "नूरपुरी"