मानवता

मानवता सेवा की गतिविधियाँ



मानव जाति

विश्वभर में विभिन्न प्राणियों की अनेकों जातियां पाई जाती हैं l उनमें मानव भी एक जाति है जो अन्य प्राणियों से भिन्न है - दो  हाथ, दो पैर, मुंह, नाक, कान, आँखें अर्थात वह पांच कर्मेन्द्रियाँ पांच ज्ञानेन्द्रियाँ, मन, बुद्धि, अहंकार का स्वामी है l जैसे गाये को भैंस और भैंस को बकरी नहीं बनाया जा सकता उसी प्रकार मनुष्य को किसी अन्य जाति में परिवर्तित नहीं किया जा सकता l  

चेतन कौशल "नूरपुरी"