मानवता

मानवता सेवा की गतिविधियाँ



मनुष्य के रूप में पशु

अनमोल वचन :-

जिन मनुष्यों में विद्या, तप, दान (त्याग भावना), ज्ञान, शील, गुण और धर्म नहीं है वे इस मृत्युलोक में भूमि पर भार बनकर मनुष्य के रूप में पशु के समान विचरते हैं।

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