मानवता

मानवता सेवा की गतिविधियाँ



मनुष्य के पास

अनमोल वचन :-

"मनुष्य के पास सुख के बाद दुःख और दुःख के बाद सुख क्रमशः आते रहते हैं। ठीक वैसे ही, जैसे रथचक्र की नेमी के इधर-उधर घूमते हैं"।

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