मानवता

मानवता सेवा की गतिविधियाँ



मजदूर

चेतन आत्मोवाच 35 :-

पानी खौलता है, कोई गर्म करता है l
मजदुर बोलता है, मनः कोई परेशान करता है ll
चेतन कौशल "नूरपुरी"

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