मानवता

मानवता सेवा की गतिविधियाँ



खोखला ढोल

चेतन आत्मोवाच  5 :- 

खोखला ढोल ढम-ढम करता, गाना तो वह गा नहीं सकता l

तू शोर धर्म का करता, मनः जब उस पर चल नहीं सकता ll
चेतन कौशल "नूरपुरी"


प्रातिक्रिया दे

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा. आवश्यक फ़ील्ड चिह्नित हैं *