मानवता

मानवता सेवा की गतिविधियाँ



देश की सीमाएं

# उस देश की सीमाएं स्वयं ही कमजोर हो जाती हैं, जिसका समाज अपनी छोटी-छोटी बातों के लिए आपस में लड़ता-झगड़ता रहता है। इसलिए लड़िये मत। आपसी मुद्दों को मिलबैठकर सर्व सहमति से सुलझाने का प्रयास करो।* 

चेतन कौशल "नूरपुरी"

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