मानवता

मानवता सेवा की गतिविधियाँ



देश-काल के विपरीत

अनमोल वचन :-

गुणी जनों के सानिध्य में ही सद्गुण विकसित होते हैं, बुरे संग से गुण भी दोष में बदल जाते हैं। जैसे नदी का मीठा जल समुद्र के सानिध्य में अपने गुण को खो देता है और खारा हो पीने योग्य नहीं रहता।

प्रातिक्रिया दे

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा. आवश्यक फ़ील्ड चिह्नित हैं *