चेतन आत्मोवाच 69 :-
रात काली कट जाती है, सूर्य ले आता है सवेरा l
दिल से दिल मिलता है, मनः छंट जाता है गम का अन्धेरा ll
चेतन कौशल "नूरपुरी"
दिल से दिल
Categories: चेतन आत्मोवाच
मानवता सेवा की गतिविधियाँ
चेतन आत्मोवाच 69 :-
रात काली कट जाती है, सूर्य ले आता है सवेरा l
दिल से दिल मिलता है, मनः छंट जाता है गम का अन्धेरा ll
चेतन कौशल "नूरपुरी"
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