मानवता

मानवता सेवा की गतिविधियाँ



तीन शत्रु

चेतन आत्मोवाच 51 :-

आलस्य, झूठ, और अभिमान तीनों हैं तेरे शत्रु महान l
एक को भी निकट न आने देना, मनः सुन ले तू देकर ध्यान ll
चेतन कौशल "नूरपुरी"

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