मानवता

मानवता सेवा की गतिविधियाँ



ठोकर

चेतन आत्मोवाच 20 :-

ठोकर बड़ी होती है, बड़ा तू नहीं इंसान l
जब तुझको ठोकर लगी , तब होश आई है इन्सान ll
चेतन कौशल "नूरपुरी"

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