मानवता

मानवता सेवा की गतिविधियाँ



जीवन की चार अवस्थाएं

सत्सनातन धर्म में मनीषियों के द्वारा मानव जीवन की चार अवस्थाएं - बाल अवस्था, किशोर अवस्था, युवा अवस्था, और वृद्ध अवस्था निर्धारित की गई हैं l