मानवता

मानवता सेवा की गतिविधियाँ



जिन्दगी

चेतन आत्मोवाच 54 :-

ओला गिरता जल में, बन जायेगा पानी l
बर्फ पर लिखी जिन्दगी तेरी, मनः एक दिन बन जाएगी पानी ll
चेतन कौशल "नूरपुरी"

प्रातिक्रिया दे

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा. आवश्यक फ़ील्ड चिह्नित हैं *