मानवता

मानवता सेवा की गतिविधियाँ



घृणा

चेतन आत्मोवाच 31 :-

कर घृणा नीच विचारों से, मगर इन्सान से नहीं l
करके घृणा इन्सान से, मनः पा सकता तू भगवान नहीं ll
चेतन कौशल "नूरपुरी"

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