– # राजनीति एक वह मंच है जिससे राजनेताओं द्वारा जनता की सेवा की जाती है। इस मंच पर उन लोगों को आगे अवश्य आना चाहिए जो सर्वजन हिताय-सर्वजन सुखाय का अर्थ भली प्रकार समझते हैं और राष्ट्रीय विचारधारा के अनुचर हैं । अगर वे ऐसा नहीं करते हैं तो उन्हें जनसाधारण और देश का शत्रु माना जा सकता है ।*
– ब्राह्मण, नारी, धर्म, राष्ट्र, गाये के प्राणों की रक्षा – सुरक्षा की सुनिश्चितता क्षत्रिय – शूरवीर से बढ़कर और कौन कर सकता है !
– # शत्रु पर दया करने का अर्थ है आत्म हत्या करना । इससे व्यक्ति, परिवार, समाज, धर्म तथा राष्ट्र सबका अहित होता है, जो एक राष्ट्रवादी क्षत्रिय – शूरवीर कभी सहन नहीं कर सकता ।*
– # वर्ण ब्राह्मण, क्षत्रिय, वैश्य और शूद्र को जातियों में बांटने की भूल मत करो, ये सभी धर्म योद्धा हैं।*
# धर्म योद्धा ब्राह्मण के मस्तिष्क और क्षत्रिय की तलवार से विश्व के सभी लोग भली प्रकार परिचित हैं।*
– # क्षत्रिय वह कलाकार है जो असत्य, अधर्म, अन्याय और अनीति के विरुद्ध लड़कर सत्य, धर्म, न्याय और नीति का शासन स्थापित करता है ।*
– # जो व्यक्ति असत्य, अधर्म, अन्याय और अनीति के विरुद्ध आवाज उठाता है, क्षत्रिय कहलाता है।*
प्रातिक्रिया दे