मानवता

मानवता सेवा की गतिविधियाँ



,

1. किस काम का

कश्मीर टाइम्स 18 जून 1996

सेवा जो कर न सके,
वह तन है किस काम का ?

नाम जो जाप न सके,
वह मन है किस काम का ?

कार्य जो सिद्ध कर न सके,
वह धन है किस काम का ?

सन्मार्ग जो दिखा न सके,
वह ज्ञान है किस काम का ?

जीवन-रस जो भर न सके,
वह धर्म है किस काम का ?

जीवन सृजन जो कर न सके,
वह दाम्पत्य है किस काम का ?

प्रातिक्रिया दे

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा. आवश्यक फ़ील्ड चिह्नित हैं *